सशक्त आवाज़ें: निताशा मलिक का दुर्दिन से पक्षपोषण तक का सफर
पेश है, एक खास मुलाक़ात, एक ऐसे बहुसांस्कृतिक प्रभावशाली व्यक्ति के साथ जिसने सम्मान और समानता का बखूबी समर्थन किया है।
विश्वभर मैं 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिनों की सक्रियता का अवलोकन किया जाता है, लोगों को यह याद दिलाने के लिए की लैंगिक हिंसा को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर कदम उठाने चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई सरकार का राष्ट्रीय स्टॉप इट ऐट द स्टार्ट (Stop it at the Start) अभियान इस प्रयास का प्रतीक है जिसका उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए ऐसे व्यवहार और व्यवहार में परिवर्तन को प्रभावित करना है जो अनादर और हिंसा का समर्थन करते हैं।
यह बहुचरण अभियान, फिलहाल अपनी पांचवें चरण में है, जो और अनादर के छिपे रुझानों पर केंद्रित है। यह चरण ऑनलाइन और वास्तविक दुनिया में युवाओं को प्रभावित करने वाले नए और शक्तिशाली प्रभावों और लिंग आधारित अनादर के प्रति उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है।
हमारे कंटेंट एग्जीक्यूटिव, सनी पाठक ने अभियान के मिशन और प्राथमिक रोकथाम दृष्टिकोण के समुदाय-केंद्रित प्रभावों को समझने के लिए निताशा मलिक से बात की। निताशा, समाज में सम्मान और बदलाव की पैरोकार होने के साथ-साथ अभियान के बहुसांस्कृतिक प्रभावकों में से एक हैं। ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक समुदायों के केंद्र में होने के नाते, निताशा मलिक मजबूती और लचीलापन के प्रतीक के रूप में खड़ी हैं। एक मेकअप आर्टिस्ट और आत्मविश्वास (कॉन्फिडेंस) कोच के रूप में, उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को वकालत के लिए एक शक्तिशाली मंच में बदल दिया है।
स्टॉप इट एट द स्टार्ट अभियान और इसके अभियान संदेशों का प्रतिनिधित्व करते हुए, निताशा ने सम्मान को बढ़ावा देने, लिंग आधारित अनादर का मुकाबला करने और आज युवा दिमाग को आकार देने वाले जटिल प्रभावों को समझने के बारे में अपने विचार साझा किए हैं।
प्रश्न: आपके सफर की शुरुआत कैसे हुई? और मेकअप आर्टिस्ट और आत्मविश्वास कोच बनने का ख्याल कैसे आया?
मेकअप आर्टिस्ट और आत्मविश्वास कोच बनने की मेरी यात्रा मेरे व्यक्तिगत अनुभवों और दूसरों को सशक्त बनाने की इच्छा में गहराई से निहित है, खासकर दक्षिण एशियाई महिलाओं को। मेरे दृष्टिकोण को विभिन्न कारकों ने आकार दिया है। बचपन में आत्मविश्वास से जुड़ी परेशानियां, सांस्कृतिक दबाव और घरेलू हिंसा जैसे अनुभवों ने मेरी सोच को बहुत हद तक प्रभावित किया।
मेकअप मेरे लिए खुद को व्यक्त करने और आत्मविश्वास को दोबारा हासिल करने का जरिया बन गया। मैंने मेकअप आर्ट में प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली थी, लेकिन तब नहीं सोचा था कि यह न सिर्फ मुझे, बल्कि दूसरों को भी उनकी आंतरिक सुंदरता और ताकत खोजने में मदद करेगा।
मैंने ग्रूमिंग और कॉन्फिडेंस-बिल्डिंग वर्कशॉप्स शुरू कीं, जहां मैं सिखाती हूं कि आत्म-प्रेम और सकारात्मकता कैसे विकसित की जा सकती है। एक कोच के तौर पर मैं परिवारों को यह सिखाने में मदद करती हूं कि अपने घर और समाज में सम्मान कैसे बढ़ाया जाए। यह संदेश स्टॉप इट ऐट द स्टार्ट (Stop it at the Start) अभियान से पूरी तरह मेल खाता है, जिसका उद्देश्य अपमानजनक व्यवहार को शुरू से ही जड़ जमाने से रोकना है। अधिक जानकारी के लिए आप respect.gov.au पर जा सकते हैं।
प्रश्न: आप ऑनलाइन दुनिया से जुड़ी हैं, तो आपको लगता है कि यह युवाओं की सोच पर कितना असर डालती है?
ऑनलाइन कंटेंट का असर बहुत गहरा है—यह सोच को अच्छे और बुरे, दोनों तरह से बदल सकता है। यह न सिर्फ युवाओं को नया सीखने और खुद को पहचानने का मौका देता है, बल्कि उन्हें अपमान और नकारात्मक रूढ़ियों के प्रभाव में भी ला सकता है।
अगर ऐसे ट्रेंड्स को अनदेखा किया जाए, तो वे हानिकारक व्यवहारों को सामान्य बना सकते हैं। हमें बच्चों को यह सिखाना होगा कि वे ऑनलाइन चीजों को कैसे सही नजरिए से समझें।
स्टॉप इट ऐट द स्टार्ट (Stop it at the Start) अभियान माता-पिता के लिए अपमान के छुपे हुए रुझान गाइड (Hidden Trends of Dispect guide) जैसे संसाधन उपलब्ध कराता है, ताकि वे बच्चों को बेहतर सपोर्ट दे सकें।
प्रश्न: माता-पिता और वयस्क युवाओं की मदद कैसे कर सकते हैं?
बच्चों के ऑनलाइन जीवन में रुचि दिखाना और उनसे खुलकर बात करना सबसे जरूरी है। जब बच्चे बिना डर के अपनी बातें साझा करें, तो आपसी सम्मान मजबूत होता है।
बच्चों से सवाल पूछें—”क्या यह सही है? क्या यह किसी की मदद करता है? क्या यह सम्मान को बढ़ावा देता है?” ये सवाल बच्चों को सोचने और समझने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही, माता-पिता को खुद भी अच्छे डिजिटल आदतों का पालन करना चाहिए। ज्यादा निगरानी के बजाय बच्चों को सही मार्गदर्शन दें। हमारी पारिवारिक संस्कृति की मजबूत नींव इसका सही उदाहरण बन सकती है।
प्रश्न: परिवार सम्मान का महत्व कैसे सिखा सकते हैं?
परिवार के सभी सदस्य—दादा-दादी, चाचा-चाची, भाई-बहन—बच्चों को सम्मान का महत्व सिखा सकते हैं। कहानियां सुनाना एक बेहतरीन तरीका है, चाहे वो सांस्कृतिक हो या आज की दुनिया की।
छोटे-छोटे कदम, जैसे रोजमर्रा की जिंदगी में सम्मान को अपनाना, बच्चों के व्यवहार पर गहरा असर डाल सकते हैं। इससे बच्चे अपने रिश्तों में भी सम्मान का पालन करना सीखेंगे।
माता-पिता अपने बच्चों के साथ सम्मान के बारे में जानकारीपूर्ण बातचीत कर सकते हैं- मूल्यों, दृष्टिकोणों और व्यवहारों के प्रभावों पर चर्चा कर सकते हैं। वे इस काम में मदद के लिए स्टॉप इट एट द स्टार्ट (Stop it at the Start) वेबसाइट पर उपलब्ध बातचीत गाइड (Conversation Guide) का उपयोग कर सकते हैं।
कहानी सुनाना एक और शक्तिशाली साधन है। नकारात्मक रूढ़ियों को तोड़ने वाले व्यक्तियों के बारे में सांस्कृतिक या आधुनिक कहानियाँ साझा करने से पारंपरिक धारणाओं को चुनौती मिल सकती है और सार्थक बातचीत शुरू हो सकती है।
और अधिक जानें
निताशा मलिक की यात्रा सम्मान, आत्मविश्वास और खुले संवाद की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रमाण है। जैसा कि वह स्टॉप इट एट द स्टार्ट (Stop it at the Start) के माध्यम से अपनी कहानी साझा करती है अभियान में, वह हमें याद दिलाती हैं कि अगली पीढ़ी के मूल्यों को आकार देने में परिवार और समुदाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सम्मान को बढ़ावा देने और अनादर की छिपी प्रवृत्तियों से निपटने के लिए उपकरण और मार्गदर्शिकाएँ जानने के लिए, यहाँ जाएँ respect.gov.au.