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भारत-आस्ट्रेलिया के बेहतर होते रिश्ते

 भारत-आस्ट्रेलिया के बेहतर होते रिश्ते

पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्ट्रेलिया का दौरा किया। मोदी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद आस्ट्रेलिया जाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। अलबत्ता इससे पहले वह 2014 में भी आस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके हैं। पीएम मोदी ने आस्ट्रेलिया में कहा भी कि मैंने 2014 में पिछले दौरे के दौरान वादा किया था कि ऑस्ट्रेलिया को फिर किसी भारतीय पीएम के आऩे का 28 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी आस्ट्रेलिया की आखिरी यात्रा के बाद से दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हुए हैं। दोनों देशों ने डिफेंस, सिक्योरिटी, निवेश, शिक्षा, जलवायु, विज्ञान, खेल, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक सम्मेलनों ने अहम भूमिका निभाई है।

इस बार पीएम मोदी का यह दौरा खासा अहम रहा। निश्चित ही उससे दोनों देशों के रिश्तों में और ज्यादा गर्माहट आएगी। इस दौरे में पीएम मोदी ने बार-बार दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम दोनों देशों के बीच रिश्तों को बहुत ज्यादा बेहतर करना चाहते हैं। तीन दिवसीय दौरे के दौरान भारतीय मूल के लोगों के कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बानीज और उनके मंत्रिमंडल के लोग ही नहीं बल्कि विपक्ष के नेता भी मौजूद रहे। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के रिश्ते सरकारी औपचारिकता से आगे बढ़ चुके हैं और यह दो देशों के जनमन तक पहुंच गया है।

इस बार भारतीय प्रधानमंत्री और आस्ट्रेलियाई पीएम के बीच की केमिस्ट्री भी खास रही। उनमें पिछली मुलाकात से ज्यादा गर्मजोशी नजर आई। इसका पता अल्बानीज की उस बात से भी मिलता है, जब उन्होंने कहा, ‘मोदी इज द बॉस’। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया।

पीएम अल्बानीज और प्रधानमंत्री मोदी गुजरे एक साल में अलग-अलग मौकों पर छह बार मिल चुके हैं। इस दौरान उनके रिश्ते भी ज्यादा मजबूत हुए हैं। दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज से भी यह झलक रहा था। इस गर्मजोशी का असर बातचीत में ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बनती सहमति में भी नजर आता है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका फायदा विद्यार्थियों, शोधार्थियों और उद्योगपतियों को मिलेगा। इससे गैरकानूनी देशांतरण पर भी रोक लग सकेगी। छात्रों की डिग्रियों को लेकर हुई प्रगति के बारे में पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा भी कि दोनों देशों के छात्रों की डिग्रियां को मान्यता देने को लेकर भी बातचीत आगे बढ़ी है। इससे दोनों देशों के छात्रों को लाभ मिलेगा।

इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स बनाने को लेकर भी दोनों देश सहमत हुए हैं। कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट यानी सीईसीए को इस साल के आखिर तक फाइनल किए जाने को लेकर भी दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रतिबद्धता जताई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सिडनी के कुडोस बैंक एरिना में भारतीय मूल के लोगों के साथ भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने भारत को ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ बताया। कहा कि हमारे लिए यह पूरा संसार एक परिवार जैसा है। उन्होंने इस दौरान आस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्तों का भी जिक्र किया। आस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक दौर वह था जब भारत और आस्ट्रेलिया के रिश्ते को 3C यानी कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी के तौर पर पहचाना जाता था। इसके साथ ही हमारे संबंधों को 3D मतलब डेमोक्रेसी, डायसपोरा और दोस्ती और 3E यानी एनर्जी, इकोनॉमी और एजुकेशन पर आधारित बताया जाता था। अब इन संबंधों की बुनियाद परस्पर विश्वास और सम्मान है। इससे पहले आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि मैं और पीएम मोदी, दोनों मुलकों के लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर इस रिश्तों को और पुख्ता करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को याद दिलाया कि हिंद महासागर उन्हें आपस में जोड़ता है। उन्होंने सांस्कृतिक भिन्नता का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के त्योहार भले ही भिन्न-भिन्न हैं, लेकिन दोनों देश के लोग दीवाली और बैसाखी जैसे त्योहारों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम भिन्न होते हुए भी एक जैसे ही हैं। भारत की तरह सिडनी में भी लखनऊ है।

Modi in Australia

उन्होंने भारतीय लोगों को संबोधित करते हुए उनकी तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग कहीं भी हों, उनमें मानवीय गुण मौजूद रहता है। भारत किसी भी संकट के समय हर संभव मदद और समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचता है। वह सबके हितों से जोड़कर अपना हित देखता है। भारत की इसी सोच का नतीजा है कि आस्ट्रेलिया के साथ उसकी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बढ़ी है। शीघ्र ही दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना हो जाएगा।

पीएम मोदी से मिलने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग आए हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा कि आप सभी अपनी जड़ों से जुड़े रहें। आप आस्ट्रेलिया में भारत के राजदूत हैं। भारत में आपका हमेशा स्वागत है। जब आप भारत में आएं तो साथ में आस्ट्रेलियाई परिवारों को भी लाएं। इससे दोनों देशों के बीच बेहतरीन सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मीडिया से भी बात की। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अटूट संबंध डिफेंस और सिक्योरिटी के क्षेत्र में बेहतर साझेदारी के लिए प्रेरित करता है। हम अच्छे दोस्त हैं और इसीलिए हर मुद्दे पर खुल कर बात कर पाते हैं। कई मुद्दों पर भारत का पक्ष उनसे अलग है। आस्ट्रेलिया इस बात को समझता है। यह समझ ही भारत और आस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद है। उन्होंने AUKUS के तहत आस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुई सबमरीन डील पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उनका निर्णय है। उन्होंने इस डील और उसके मकसद के बारे में हमें बताया है।

पीएम मोदी ने आस्ट्रेलियाई यात्रा के दौरान वहां की प्रमुख कंपनियों और उद्योगपतियों से भी मुलाकात की। उन्होंने आस्ट्रेलियाई इंडस्ट्रिलिस्ट से टेक्नालॉजी, स्किल और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के साथ सहयोग बढ़ाने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि विदेशी निवेश के लिए भारत विश्व में सबसे पसंदीदा अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उऩ्होंने वहां के उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

Varsha Saini

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