बच्चे और कोरोना, ख्याल रखें निम्नलिखित बातों का
कोरोना के अब तक के आंकड़ों के अनुसार यह बच्चों के लिए बहुत खतरनाक नहीं हैं। हां, यह जरूर है कि बच्चों में भी इसका संक्रमण देखा गया है। यह बच्चों को तो कम नुकसान पहुंचाता है लेकिन उनके जरिए यह परिवार के अन्य सदस्यों को गंभीर रूप से संक्रमित करता है। बच्चों के बीमार होने पर इसे लापरवाही से लेना बच्चे के साथ-साथ पूरे परिवार को गंभीर मुश्किल में डाल सकता है। खास बात यह है कि बच्चों और युवाओं के लिए कोविड 19 का नया वैरियंट कोविड के पिछले वैरियंट से ज्यादा खतरनाक है। विक्टोरिया में 2021 के दौरान कोविड से बच्चों और युवाओं (0-19 वर्ष) के संक्रमित होने का आंकड़ा 22 प्रतिशत था।
सरकार के अनुसार, बच्चों में बुखार और खांसी कोविड के सबसे आम लक्षण हैं। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, त्वचा पीला या नीला पड़ना और सुस्त या भाव शुन्य होना भी कोविड के लक्षण है। सरकार का कहना है कि ऐसी स्थिति में तत्काल बच्चे को डाक्टर से दिखाना चाहिए। सलाह या मदद के लिए आप 1800 675 398 पर संपर्क कर सकते हैं। विक्टोरिया में सभी उम्र के लोगों का कोरोना टेस्ट फ्री है। टेस्ट रिपोर्ट आने तक बच्चे को स्कूल या फिर कहीं बाहर घूमने के लिए लेकर न जाएं बल्कि उसे क्वारांटाइन रखें। हो सके तो परिवार के अन्य सदस्यों से भी दूर रखें। इस बीच उसे भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पिलाएं।
यदि आप कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने तक नौकरी से वंचित रहने के बारे में सोचकर चिंतित हैं तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। आप सरकार द्वारा दिए जाने वाले कोरोना वायरस जांच एकांतवास सहायता भुगतान के लिए आवेदन कर सकते हैं। एकांतवास समाप्त होने के बाद बच्चे को फिर से आप बाहर आने-जाने दे सकते हैं। इसके लिए आपको किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।
सबसे खास बात यह है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए सभी उम्र के लोगों को टीका लगवाना जरूरी है। यह टीका मुफ़्त लगाया जा रहा है। आप अपने डाक्टर, फार्मेसी या फिर आनलाइन coronavirus.vic.gov.au/book-your-vaccine-appointment पर जाकर टीका लगवाने का अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं।
स्कूल में मास्क पहनना फायदेमंद
आमतौर पर लोगों को लगता है कि अब स्कूल में बच्चों को मास्क लगाकर भेजने की जरूरत नहीं है लेकिन यह कोरोना को दावत देने जैसा हो सकता है। बच्चे अगर स्कूल में मास्क पहनकर रहेंगे तो कोरोना से बचे रहेंगे और उनके जरिए कोरोना परिवार के अन्य सदस्यों तक भी नहीं पहुंचेगा। ध्यान यह रखना है कि बच्चों का मास्क बच्चों की साइज का हो। यह नाक और मुंह के पूरे हिस्से को अच्छे से कवर करता हो। वहीं अगर घर का बच्चा 2 साल से छोटा हो तो उसे मास्क न पहनाएं।
बच्चे के खानपान का रखें ध्यान
कोरोना को दौर में बीमारी से बचे रहने का सबसे अच्छा तरीका है खानपान पर ध्यान देना। बड़े लोग तो हरी सब्जी, फल आदि खा लेते हैं लेकिन बच्चे खाने में रूचि नहीं दिखाते। इसलिए बच्चों के हेल्दी डाइट जरूर देने की कोशिश करें। दूध, सब्जियां, फल, मांस आदि का संतुलित भोजन रोगों से लड़ने में बच्चों की मदद करेगा और वे किसी भी तरह के संक्रमण से बच सकेंगे।
बच्चे में कोरोना के लक्षण दिखने पर ऐसे करें देखभाल
- तत्काल टेस्ट कराएं। रिपोर्ट आने तक बच्चे की घर पर ही देखभाल की जा सकती है, जिस तरह अन्य बीमारियों के होने पर की जाती है।
- पैरासीटामोल या इबुप्रोफेन तभी दें, जब बच्चे को दर्द या बुखार हो। 24 घंटे में तय मानक के अनुसार ही दवा दें।
- बच्चे को ज्यादा से ज्यादा आराम करने के लिए बढ़ावा दे।
- ज्यादा से ज्यादा तरल पिलाएं। हेल्दी खाने के लिए भी उन्हें उत्साहित करें।
- बच्चे के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखें।
- रिपोर्ट पाजिटिव आने पर या तबीयत ज्यादा खराब होने पर डाक्टर से तत्काल परामर्श लें।
- यदि आपके बच्चे को बुखार, सूजी हुई गर्दन की ग्रंथियां, सूजे हुए हाथ पैर, लाल आंखें या जीभ, पेट में दर्द, त्वचा के लाल चकत्ते, या फटे होंठ तीन दिनों से अधिक समय से हैं तो भी डाक्टर से तुरंत सलाह लें।
- कोरोना के बारे में सूचना या सलाह देने के लिए 1800020080 पर संपर्क करें।
- नर्स आन काॅल 1300606024 से भी जानकारी ले सकते हैं।
- आपात स्थिति में सिर्फ 000 पर संपर्क करें।
कोरोना के लक्षण
- बुखार
- खांसी
- थकान
- स्वाद या गंध न आना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- खुजली और दर्द
- दस्त
- त्वचा पर चकत्ते आना या पैर की ऊंगलियों का रंग बदल जाना
- लाल या सूजी हुईं आंखें
- सांस लेने में दिक्कत
कोरोना से बचाव के तरीके
- टीके का तीसरा डोज लगवा लें
- घर पर बाहर से आने वाले व्यक्ति का हाथ पैर जरूर धुलवा लें और उनसे दो गज की दूरी रखें
- अतिथि के जाने के बाद उनके बैठने के स्थान को सैनेटाइज कर दें
- घर के व्यक्ति अगर बाहर से आएं हैं तो उन्हें नहाने को कहें
- उनके कपड़े धो दें
- बाहर जाने पर मास्क जरूर पहनें
- बाहर जाने पर लोगों से दो गज की दूरी बनाकर रखें
- योग या कसरत नियमित करें