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रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो चौथी डोज़ जरूर लें

 रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो चौथी डोज़ जरूर लें

कोरोना वायरस अपना वैरियंट बदल-बदल कर लगातार सामने आ रहा है। इस वजह से अभी भी लोगों को कोविड 19 का खतरा कम नहीं हुआ है। इससे बचाव के उपाय अभी भी किया जाना जरूरी है। खास तौर से वैक्सिनेशन बहुत जरूरी है। वैक्सिनेशन कोरोना से लड़ने का अहम हथियार है। टीका लगवाने के बाद कोरोना संक्रमण का असर हमारे शरीर पर बहुत कम हो जाता है। इसके साथ ही कोरोना वायरस से मौत का खतरा भी काफी कम हो जाता है।

बहुत सारे लोगों ने तीसरी डोज़ भी लगवा ली है। तीन महीने गुजर जाने के बाद चौथी डोज़ की भी जरूरत है। अलबत्ता यह चौथी डोज़ सभी को नहीं लगवानी है। इसकी जरूरत उन्हीं लोगों को है, जिनकी उम्र पचास साल या उससे ज्यादा है। पचास साल से ऊपर उम्र के लोगों का इम्यून सिस्टम यानी रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, इसलिए उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के लिए तीसरी डोज़ के तीन महीने बीतने के बाद चौथी खुराक के तौर पर जरूर वैक्सिनेशन करवा लेना चाहिए।

इसके साथ ही उन लोगों को भी चौथी डोज़ लगवाने की जरूरत है जो वयोवृद्ध देखभाल केंद्र यानी एज्ड केयर सेंटर या फिर विकलांगता देखभाल केंद्र में रहत हैं। ऐसे केंद्रों में रहने वाले लोगों को भी चौथी वैक्सीन लगवाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए, ताकि उन्हें भी तीसरी डोज़ गुजरने के तीन महीने बाद अगली खुराक समय से दी जा सके।

यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ विकलांग या बुजुर्ग लोगों का ही इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, और उन्हें ही चौथी डोज़ की जरूरत हो सकती है। अगर किसी की उम्र सोलह साल से ऊपर है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और उन्हें सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं। ऐसे लोगों को COVID-19 वायरस से संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे लोगों को भी तीन डोज़ के बाद अगली खुराक जरूर लेनी चाहिए।

इसके साथ ही जिन लोगों की आयु 30 और 49 साल के भीतर है, वह भी कोविड की चौथी खुराक ले सकते हैं। अहम बात यह है कि चौथी खुराक लेने से पहले अपने डॉक्टर या हेल्थ सेंटर से इस बारे में जरूर बात करें। उनके कहने पर ही आपको चौथी डोज़ लेनी चाहिए।

Varsha Saini

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