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सतर्कता ही सुरक्षा की पहली शर्त

 सतर्कता ही सुरक्षा की पहली शर्त

-कोविड लक्षणों की निगरानी के दिशानिर्देश जारी
-कोविड की लड़ाई में जन-जन को शामिल कर रही सरकार

कोविड महामारी की मार से अब तक दुनिया पूरी तरह उबर नहीं पाई है। टीकों और दवाइयों के ईजाद के कारण इलाज तो आसान हो गया है, लेकिन इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की राह इतनी आसान नहीं लग रही है। आज भी विश्व के लगभग सभी देशों में कोविड के मरीज मिल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी स्थिति कुछ अलग नहीं हैं। हालात काबू में तो हैं, लेकिन बीमारी नाग के फन की तरह कहीं-न-कहीं अपना सिर उठाए हुए दिखाई देती है। सरकार ने अब इस बीमारी पर नकेल लगाने के लिए नागरिकों को भी जागरूक करने की मुहिम शुरू कर दी है। जो लोग बीमारी की चपेट में आ गए हैं, उन्हें जागरूक कर घर पर उन्हें इलाज लेने और अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें अपने सेहत का लगातार निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इससे स्थिति काबू में रहेगी और मरीजों को आवश्यकता के अनुसार सही समय पर उचित उपचार प्राप्त हो सकेगा।

कैसे करें लक्षणों की निगरानी

सरकार की ओर से दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 परीक्षण में सकारात्मक पाया जाता है, तो वह घर पर ही रहकर अपना इलाज करवा सकता है। हालाँकि इसमें ध्यान देने योग्य यह है कि उसे लगातार अपनी सेहत का परीक्षण करते रहना होगा। घर पर इलाज करवाने के दौरान यदि मरीज अपनी सेहत की सारी जानकारी लिखित रूप से संचित करता है, तो इससे यह आसानी से समझा जा सकता है कि कब मरीज को चिकित्सक को दिखाना या फिर अस्पताल जाना चाहिए।

ज्ञात हो कि कोविड-19 के अधिकतर मामले बहुत कम गंभीर होते हैं। इसके फलस्वरूप उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मरीज स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा सुझावित दवाइयों का सेवन कर घर पर ही कोविड को हरा सकते हैं। इसके अलावा कोविड-19 के ओरल इलाज के लिए पात्रता संबंधित सारी जानकारी www.health.gov.au/covid19-translated से प्राप्त की जा सकती है।

लक्षणों का रखें लिखित विवरण

लक्षणों की निगरानी करते हुए उनका लिखित विवरण रखना इलाज के दौरान बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। इस दौरान यह अवश्य लिखें कि स्थिति में सुधार हो रहा है या फिर स्थिति जस-की-तस बनी हुई है अथवा स्थिति बद से बदतर हो रही है। इस प्रकार का विवरण रखने से आपको और आपके चिकित्सक को आपकी स्थिति में होने वाले बदलाव की सही जानकारी प्राप्त होगी।

इन बातों का रखें ध्यान

  • शारीरिक तापमान का उतार-चढ़ाव
  • साँसों की गति
  • साँस लेने में कोई तकलीफ या फिर असहजता
  • खाँसी है या नहीं और होने पर उसकी गंभीरता
  • माँसपेशियों में किसी प्रकार का दर्द या तकलीफ
  • सिरदर्द होना
  • थकावट महसूस होना
  • उल्टी या दस्त या फिर दोनों होना

स्थिति चिंताजनक होने पर बरतें सावधानी

यदि घर पर इलाज के दौरान स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ती जा रही है, तो सावधानी बरतने की बहुत आवश्यकता है। ऐसी परिस्थिति में तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। इसके अलावा आवश्यकता समझें तो National Coronavirus Helpline से 1800 020 080 पर संपर्क कर अपने लक्षणों की जानकारी साझा करते हुए उसका आकलन कर सकते हैं। सहायता हेतु जारी किए गए संपर्क क्रमांक में निःशुल्क दुभाषिया सेवा हेतु विकल्प 8 का चयन करें। ध्यान दें कि बीमारी के शुरुआती दौर में हल्के लक्षण होने के बाद धीरे-धीरे लक्षण और अधिक गंभीर होते जाना संभव है। अतः लक्षणों के प्रति हमेशा सतर्क रहें और समय रहते आवश्यक कदम उठाएँ। गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत एंबुलेंस बुलाएँ।

गंभीर लक्षण

  • साँस लेने में मुश्किल होना
  • मुँह या फिर केवल होंठों का नीला पड़ना
  • सीने में दर्द या दबाव महसूस होना
  • त्वचा में बदलाव महसूस होना (ठंडा, चिपचिपा, गीला, पीला अथवा धब्बेदार)
  • सिर चकराना अथवा बेहोश होना
  • अचानक असहज महसूस होना
  • पेशाब में कमी या फिर एकदम से बंद हो जाना
  • खून की उल्टी होना
  • सोने के बाद उठने में दिक्कत महसूस करना

ध्यान दें कि यदि उपरोक्त किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए 000 (तीन शून्य) पर एंबुलेंस सेवा प्राप्त करने हेतु संपर्क करें। घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पीड़ित की सहायता हर प्रकार से करने का निर्देश सरकारी महकमे द्वारा दिया गया है। अतः बिना घबराए उन्हें कोविड-19 से पीड़ित होने की जानकारी दें। अंग्रेजी भाषा का ज्ञान न होने पर दुभाषिया व एंबुलेंस भेजने हेतु अनुरोध करें।

शरीर के तापमान की जाँच का तरीका

यह तो हम सभी जानते हैं कि शरीर का तापमान मापने के लिए थर्मामीटर की आवश्यकता होती है। यह थर्मामीटर कोई भी अपने नजदीकी दवाइयों की दुकान या फिर ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे प्राप्त कर सकता है। ध्यान दें कि हर थर्मामीटर के काम करने का तरीका अलग हो सकता है। अतः थर्मामीटर पर लिखे निर्देशों का पालन कर उसका सही प्रयोग सीखें।
थर्मामीटर की जाँच में यदि शरीर का तापमान 38 डिग्री या उससे अधिक पाया जाता है, तो इसका सीधा अर्थ यह है कि व्यक्ति बुखार से पीड़ित है। ऐसे में तुरंत अपने पास के चिकित्सक से संपर्क करना उचित होगा।

साँस लेने में कठिनाई या फिर साँस फूलना

कोविड-19 से पीड़ित होने पर इलाज के दौरान यदि साँस लेने में कोई दिक्कत महसूस हो या फिर ऐसा लगे की साँस फूल रही है, तो सावधान हो जाना चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि मामला गंभीर हो सकता है, क्योंकि फेफड़ों में पर्याप्त हवा नहीं पहुँच रही है। यह स्थिति रोजमर्रा के कामकाज के दौरान जैसे कि चलते-फिरते हुए, बैठे-बैठे यूँ ही अचानक, किसी से बातचीत करते समय अथवा किसी भी समय एकाएक महसूस की जा सकती है।

ऐसा महसूस होने पर इसकी जानकारी भी लिखनी आवश्यक है। ध्यानपूर्वक यह विस्तृत ढंग से लिखें कि पहले की स्थिति से अब की स्थिति बेहतर हुई या फिर बदतर। संभव हो तो समय और तारीख भी लिखें। इससे इलाज के दौरान चिकित्सक को आसानी होगी।

साँस की गति की जाँच

कोविड-19 से पीड़ित होने पर साँस की गति की जाँच करना बहुत जरूरी होता है। साँस को मापना बड़ा ही सरल है। इसके लिए मोबाइल फोन में मौजूद टाइमर की सहायता ली जा सकती है। 60 सेकेंड अर्थात 1 मिनट का टाइमर लगाकर आराम से साँस लें और गिनें कि कितनी बार साँस ली गई। इसके अलावा घड़ी की मदद से भी साँस लेने और छोड़ने की क्रिया को मापा जा सकता है।

ध्यान दें कि यदि प्रति मिनट कोई 20 से 30 बार साँस लेने और छोड़ने की क्रिया कर रहा है, तो उसे निश्चित ही कोविड-19 के कारण साँस लेने में तकलीफ हो रही है। ऐसी परिस्थिति में तुरंत नजदीकी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

इसके अलावा यदि प्रति मिनट 30 से अधिक बार श्वसनक्रिया हो रही है, तो परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एंबुलेंस से संपर्क कर उन्हें स्वयं के कोविड-19 से पीड़ित होने की जानकारी देते हुए जल्द ही मदद के लिए बुलाना चाहिए।

बता दें कि यह दिशानिर्देश हर व्यक्ति पर एक जैसे लागू नहीं हो सकते हैं। यह व्यक्ति की उम्र और क्षमता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। यदि कोई यह सुनिश्चित न कर सके कि उसे साँस लेने में तकलीफ हो रही है, तो वह अपनी जाँच हेतु नजदीकी चिकित्सक से संपर्क कर सकता है। चिकित्सक सही ढंग से जाँच कर यह निश्चित कर सकते हैं कि प्रति मिनट व्यक्ति की साँस लेने की दर कितनी है।

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ऑक्सीजन स्तर तथा हृदय गति की जाँच

यदि चिकित्सक की सलाह के अनुसार ऑक्सीजन स्तर तथा हृदय की गति अर्थात नाड़ी की जाँच करनी है तो उसके लिए पल्स ऑक्सीमीटर की आवश्यकता पड़ती है। यह एक छोटा-सा क्लिप की तरह का उपकरण है, जिसे मध्यमा अर्थात बीच की बड़ी उँगली या फिर तर्जनी अर्थात पहली उँगली में लगाकर ऑक्सीजन स्तर तथा हृदय गति की जाँच की जा सकती है। इसमें किसी भी प्रकार की तकलीफ या समस्या नहीं होती है। यह बड़ा ही सरल तरीका है। जाँच में कुल एक मिनट के लगभग समय लगता है।

यह पल्स ऑक्सीमीटर चिकित्सक, दवा की दुकान अथवा ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है। ध्यान दें कि ऑक्सीजन के स्तर की जाँच करने के लिए स्मार्टफोन अथवा स्मार्टवॉच में मौजूद ऐप पर भरोसा न करें और उसका प्रयोग टालें।

बता दें कि यदि कोई बालक कोविड-19 से पीड़ित है, तो उसकी देखरेख के दौरान ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करने के लिए विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाए गए पल्स ऑक्सीमीटर का ही प्रयोग करें।

पल्स ऑक्सीमीटर के प्रयोग की विधि

  • जिस उँगली में पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग करना हो उसके नाखून पर लगे रंग (पॉलिश) को हटा दें और सुनिश्चित करें कि उँगली में कोई नकली अर्थात कृत्रिम नाखून भी न लगा हो। इसका कारण यह है कि नकली नाखून और रंग उपकरण के जाँच परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
  • पल्स ऑक्सीमीटर के प्रयोग से पहले पाँच मिनट तक शांति से पीठ को सीधा कर बैठें।
  • ज्ञात हो कि जब उँगलियाँ गर्म होती हैं तो पल्स ऑक्सीमीटर बहुत अच्छे ढंग से काम करता है। अतः जाँच से पहले अपने हाथों की उँगलियों को आपस में रगड़ें या फिर उन्हें अधिकाधिक हिलाएँ-डुलाएँ।
  • पल्स ऑक्सीमीटर को शुरू कर उसे मध्यमा या तर्जनी उँगली में इस प्रकार लगाएँ कि उँगली का आगे का सिरा यंत्र के अंतिम हिस्से को छू रहा हो। ध्यान रखें कि नाखून और पल्स ऑक्सीमीटर की स्क्रीन ऊपर की ओर होनी चाहिए।
  • पल्स ऑक्सीमीटर उँगली में लगाने के बाद हाथ और उँगलियों को स्थिर रखें।
  • पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग करते समय शांत रहते हुए सामान्य तरीके से साँस लें और छोड़ें।
  • पीआर (पल्स रेट) अथवा बीपीएम (बीट्स प्रति मिनट) निशान के आगे दिखाई देने वाली संख्या ही हृदय की गति को बताती है।
  • जाँच के बाद परिणाम को ध्यानपूर्वक लिखें। परिणाम के साथ दिन, तारीख और समय लिखना न भूलें।

ध्यान दें कि यदि पल्स ऑक्सीमीटर पर हृदय की गति ठीक से नहीं मिल रही है या फिर वह 95% से कम दिखाई दे रही है, तो उँगलियों को हिलाएँ-डुलाएँ, थोड़ी लंबी साँसें लें और यंत्र को किसी दूसरी उँगली (मध्यमा या तर्जनी) में लगाएँ।

शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95% से अधिक होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर ठीक ढंग से जाँच करवाएँ। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक की देखरेख में अस्पताल में रहना अधिक सुरक्षित होगा।

ध्यान रखें

  • यदि शरीर का ऑक्सीजन स्तर लगातार 95% से कम बना हुआ है, तो तुरंत ही इस बारे में अस्पताल के चिकित्सक या परिचारिका को सूचित करना चाहिए।
  • यदि शरीर का ऑक्सीजन स्तर लगातार 92% या उससे कम है, तो बिना देर किए तुरंत सहायता हेतु एंबुलेंस सेवा से 000 पर संपर्क करना चाहिए।
  • यदि हृदय की गति 120 बीट प्रति मिनट अथवा उससे अधिक बनी हुई है, तो भी तुरंत सहायता हेतु एंबुलेंस सेवा से संपर्क करना चाहिए।

बता दें कि यह दिशानिर्देश हर व्यक्ति पर एक जैसे लागू नहीं हो सकते हैं। यह व्यक्ति की उम्र और क्षमता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। यदि कोई यह सुनिश्चित न कर सके कि उसके लक्षण काफी गंभीर हैं, तो वह अपनी जाँच हेतु नजदीकी चिकित्सक से संपर्क कर सकता है। चिकित्सक सही ढंग से जाँच कर स्थिति का पता लगा सकते हैं।

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त्वचा का रंग गहरा होने पर ध्यान से करें पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग

पल्स ऑक्सीमीटर खून में मौजूद ऑक्सीजन को मापने हेतु त्वचा के माध्यम से प्रकाश को चमकाकर काम करते हैं। कुछ परीक्षणों व जानकारों की माने तो यदि त्वचा का रंग गहरा हो तो पल्स ऑक्सीमीटर सही ढंग से काम नहीं कर पाते हैं। गहरे रंग के कारण उनका परिणाम सटीक नहीं आता है। इसके फलस्वरूप खून में ऑक्सीजन का स्तर कभी कम तो कभी अधिक दिखाई दे सकता है।

त्वचा का रंग गहरा होने के बावजूद भी पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग ठीक ढंग से नियमित रूप से करना चाहिए। इससे यह पता चलेगा कि खून में ऑक्सीजन का स्तर लगातार उसी तरह बना हुआ है या फिर कम-ज्यादा हो रहा है। यह सभी जानकारी समय, दिन और तारीख के साथ ध्यानपूर्वक लिखकर रखें।

पल्स ऑक्सीमीटर के बिना जाँचें हृदय की गति

यदि पल्स ऑक्सीमीटर नहीं है, तो भी हृदय की गति को मापने का एक सरल तरीका है। इसके लिए नीचे दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।

  • हृदय की गति मापने से पूर्व शांत और स्थिर मन से पाँच मिनट आराम करें।
  • किसी एक हाथ की तर्जनी अथवा मध्यमा उँगली को दूसरे हाथ के अँगूठे के नीचे कलाई पर हल्के से रखें।
  • उँगलियों की मदद से धड़कनों का एहसास होगा और उन्हें सरलता से गिना जा सकता है। हृदय की गति मापने हेतु 60 सेकंड अर्थात एक मिनट तक धड़कनों को मापकर उन्हें लिखें।

अपनी भाषा में प्राप्त करें जानकारी

यदि किसी भी नागरिक के मन में कोविड-19 के प्रति कोई सवाल है, तो वह National Coronavirus Helpline से 1800 020 080 पर संपर्क कर अपनी भाषा में जानकारी प्राप्त कर सकता है। निःशुल्क दुभाषिया सेवा हेतु विकल्प 8 का चयन करें।

Varsha Saini

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